1.
दोस्तो सब से पहले हर परयटन स्थल तक बहुत सुंदर हाइवे सडंक बननी चाहिए बिना हाइवे सडंकों के यहॉ पर अधिक मात्रा में सडंक हादसे होते हैं और यात्री अकाल मौत के शिकार बनते हैं। सडंकों की माली हालत से यात्री भी बहुत परेशान होते हैं, साथ ही स्थानीय पकवानों, स्थानीय परंमपराऔ, स्थानीय वेश भूषा, स्थानीय लोक कलाऔं को भी परयटन से जोडंने की बहुत जरूरत है। साथ ही विश्व स्तर पर रिवर राफ्टिग, परवतारोहण, टैॄकिंग रूटों को विकसित करना, स्थानीय वाद्य यत्रों को भी परयटन से जोड़ना। यात्री विश्राम गृहौ की उचित व्यवस्था करना और सब से बडी़ बात की यात्रीयौ को इस प्रकार नही लूटना की एक ही यात्री से अपने एक महीना का पूरा खरच वसूल करना, साथ ही पर्यटन स्थलों पर परत्येक वस्तू से लेकर रात्री विशराम का किराया भी उचित दर पर होना चाहिए।
2.
To promote tourism in Uttarakhand if few proceedings are to be taken by the government it will ensure an elegant tourism:
1) First of all prepare a list of those tourist places which are fully developed (Bus service, accommodation, medical etc). Now Bus stand to navigate these tourist places should be in Uttarkashi, Dehradun, Haldwani, Pauri because these places are key places to enter in Kumaon, Pauri, Dehradun, Jaunsar. Ensure ticket availability both online and offline.
2) Now make a list of those places which are not fully developed though recognised as the tourist place. Give the contract to an eminent architecture company to build and revamp these places under a certain period of time. Once developed, make all system like the developed ones( Food, medical, accommodation).
3) Introduce a documentary comprises of all the tourist places and advertises it on TV channels of different languages.
4) A team of doctors should be there having a male and a female doctor in every bus.
5) Launch a mobile app which will show distance and time to reach the destination.
यातायात व खाने-रहने और प्राथमिक उपचार की उचित व्यवस्था होनी चाहिए पर्यटन स्थलों पर #रोडवेज की #बसों में #पताका_चाय व #दिलबाग की जगह उत्तराखंड टूरिस्म के विज्ञापन और हाँ मोबाइल के सिग्नल भी काम करें हर जगह… कनेक्टिविटी होनी चाहिए।
पर्यटन तभी बढ सकता है जब तक पहाङों को रेलवे लाइन से ना जोडा जाये! यहॉ की भाषा भी मुख्य रूप से पर्यटन को बढ़ावा देने में सहायक होगी तो पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हमें गढ़वाली और कुमावनी भाषा को राष्ट्रीय स्तर तक ले जाना होगा। पर्यटन स्थलों की जानकारी इन्टरनेट के माध्यम से देश विदेश तक पहुंचाने के लिए उत्तराखंड को डिजिटल तकनीक से जोङना होगा।
उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पुराने धार्मिक स्थलों का जीर्णोद्धार करवाना चाहिए वनों का सौन्दरीयकरण करना चाहिए पर्यटक स्थल तक सड़क निर्माण का कार्य एवं सुगम परिवहन की सुचारू व्यवस्था होनी चाहिए छोटे छोटे पर्यटक स्थल पर बांध बनाके मछली पालन की व्यवस्था जगह जगह पर पर्यटकों की सुविधा हेतु सरकारी आवास गृह चिकत्सा व्यवस्था एवं खान पान की व्यवस्था होनी चाहिए पर्यटक स्थलों का प्रचार सम्यक रूप से होना चाहिए जिससे अधिक से अधिक यात्री उत्तराखंड की और आने को आकर्षित हो सकें धन्यवाद।
कुदरत ने हमारी जमी को खुबसूरत बनाया है…
एक अच्छा जीवन यापन करने के लिए यहाँ सब कुछ दिया हैं…
हवा, पानी और मिटटी…
साथ में एक बेहद खुबसूरत ज़मी…
जो सबका मन मोह लेता हैं…
पर इसकी खूबसूरती को लोगो तक नही पंहुचा पा रहे हैं…
मेरे ख्याल से अगर पर्यटन को बढ़ावा देना है तो निम्न चीजें करनी पड़ेगी…
1. संचार व्यवस्था (connectivity) दुरुस्त करनी पड़ेगी। जैसे सड़क की पहुँच सभी आकर्षक जगह होनी चाहिए। पहाड़ो में टॉय ट्रेन होना चाहिए जैसे शिमला और दार्जलिंग में है। जो हेलीकाप्टर में घूमना चाहते है, सरकार की तरफ ये भी होना चाहिए।
2. प्रचार (advertisement) होना चाहिए। TV, इंटरनेट और रेडियो के माध्यम से उस जगह का प्रचार होना चाहिए। जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगो पता चले और आकर्षित हो।
3. स्थानीय प्रशाषन व्यवस्था (Local administration) अच्छी होनी चाहिए। पर्यटक के लिए जरुरी सुविधा होना चाहिए, जिससे उन्हें वहा कोई दिक्कत ना हो। जैसे आकर्षक जगह के गाड़ी की सुविधा, अच्छे होटल, रेस्ट्रॉरांत, पानी, बिजली और दूर संचार व्यवस्था होनी चाहिए। एक अच्छी पुलिस व्यवस्था होनी चाहिए।
जो लोग आज भी गांवों रह कर स्थानीय जीवन शैली को बनाये हुए हैं, उन्हें सरकार द्वारा आर्थिक मदद दी जानी चाहिए। इससे जहाँ पुरानी चीजें बनी रहेंगी, वहीं eco-friendly tourism को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय लोगों को घर पर रोजगार और बाजार उपलब्ध होगा और पलायन भी रुकेगा, बस ध्यान रहे कि इसके मौलिक स्वरूप से कोई छेड़छाड़ न हो।
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य की आधारभूत सुविधाओं को मजबूत बनाना होगा जैसे कि रेल, सड़क यातायात इतियादी। इसके आलावा लोगों को जागरूक करने की भी आवश्यकता भी है ताकि सब लोग प्रकृति का दोहन करने के बजाय उसके सहयोग तथा संरक्षण से आगे बढ़ें। हम सबको जंगलों, अभ्यारणों तथा आयुर्वेद को भी संरक्षित करना है तथा उन्हें और विकसित करना है। जंगलों से जुड़कर आदमी का वजूद बचा रहेगा। यदि जंगल ख़त्म कर दिए गए तो इंसान का जीवन भी समाप्त हो जाएगा। इसी तरह से हमें यहाँ की नदियों का भी संरक्षण करना है। सब चीज़ों में सामंजस्य बिठा कर ही पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सकता है तथा विकास की ओर अग्रसर हुआ जा सकता है।
मेरे ख्याल से पहाड़ गाँव का सफर ज़्यादातर सड़क मार्ग से ही होकर गुजरता है है इसलिये पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये सर्वप्रथम सड़क-मार्ग और सभी पैदल मार्गों को सुगम करना होगा, ज्यादा से ज्यादा पहाड़ गाँव के लोगों को जागरूक करना होगा कि किस तरह से वे पर्यटन व्यवस्था से जुड़ कर अपने लिये रोजगार के साथ साथ क्षेत्र को पर्यटन क्षेत्र बना सकते हैं, पर्यटन क्षेत्र की दृष्टि से उचित साफ-सफाई और रखरखाव का प्रबंध करना होगा प्राचीन धरोहरों और पहाड़ गाँव की प्राकृतिक सुंदरता(जल, जंगल, पर्वत) का खास तौर से ध्यान रखना होगा, पर्यटन क्षेत्रों से संबन्धित हर तरह की सटीक जानकारी वैब-टैक्नोलोजी के माध्यम से सभी तक पहुँचे इसकी उचित व्यवस्था करनी होगी, पर्यटकों को यात्रा से संबन्धित किसी भी प्रकार की परेशानी न हो इसके लिये इनसे जुड़े हुये सभी लोगों जैसे, वाहन कर्मियों, दूकानदारों, स्थानीय लोगों और प्रसाशनिक अधिकारियों को ट्रेनिग दी जानी चाहिये जिस से पर्यटकों के प्रति उनका व्यवहार सही और ईमानदार रहे और साथ ही पर्यटकों को उनकी जरूरत की सामग्री भी मिल सके इसका भी प्रबंध हो सके तो करना चाहिये।
1- Saaf safai mein jyada se jyada dhyan dena hoga..kisi bhi hill station mein chale jao..entry mein hi bahut sa garbage bikhra hua hota hai..
2- Plastic bags should be banned.
3- Some new places needs to be developed as tourist destinations like new parks etc. around all the cities.
4- Alcohol and marijuana consumption by Taxi drivers is a major concern.
5- Some training camps for locals by Govt or other agencies to promote tourism by better using the local resources.
6- Better use of social media for promoting new tourism destinations.
Uttrakhand has the most beautiful tourist locations but still not much developed to attract the tourists. Below steps can be taken for improvising.
1) Development of top tourist places (Good resorts, games, activities) without tempering natural beauty.
2) Development of highways and high-tech buses for transport, Explore the possibility of adding railway lines.
3) Development of helipad/airport so that in future, at least, monthly flight service shall also get started for top districts of Uttrakhand.
4) Advertisement.
5) Medical/Network Facility Improvement.
To Promote Tourism:
● Good Quality of accommodation and transport with fixed price.
● Good Medical facilities with chopper facilities for evacuation.
●Maintaining Cleanliness with enough Toilets.
● Tourist Guiding centers with affordable guides.
● Mobile connectivity.
● Promote more on Yoga, Meditation and Ayurveda with Certified centers.
● Develop some village in old fashioned for tourist to experience the rich culture of UttArakhand.
● Modern cities in the world are many but old and rich cultural areas with higher values, beautiful views are few.
Let Mr. Narendra Singh Negi be the brand ambassador to promote tourism.
At last, we pray all things to become true to make our rich soil to get its name and frame which it deserves.
Jai Uttrakhand!
Good road connectivity to the tourist places, proper accommodation and as I had told earlier also proper and well-prepared disaster management plans should be there. A strict rule should be made to stop the littering of garbage by the tourists as there is no one to clean it. And also, a series public toilets should be made near roads as it looks very bad people stopping their vehicles and pissing in open. And at the same time, media should stop focusing on the Kedarnath disaster rather they should focus on the upliftment of tourism sector.
After almost a decade I visited my native place Nainital. I was excited. Started my journey from Haldwani but on my way, I found a very disappointing view. The scene was unpleasant as a huge chunk of garbage could be seen. People stopping at restaurants were just throwing garbage here and there.
1. The first step I would take to put a penalty on the restaurants who don’t take care of their surroundings.
2. Marketing is an important factor these days. I would like to bring well-known dignitaries like environmentalists, actors, & sports players etc. to show our tourist culture to the whole world on the digital media. This will definitely increase our revenue.
3. Connectivity is the most important factor till now only road connectivity is there. I will look into the feasibility of rail.
4. Tourists feedback and their suggestions will be given priority and measures would be taken to improve the anomalies.
5. Poaching is known to everyone will put strict monitoring through UAV’s.